सिद्धि वशीकरण मंत्र


बिस्मिल्लाह
कर बैठिए, बिस्मिल्लाह कर बोल। बिस्मिल्लाह कुञ्जी कुरान की, जो चाहे सो
खोल। धरती माता तू बड़ी, तुझसे बड़ा खुदाय। पीर-पैगम्बर औलिया, सब तुझमें
रहे समाएँ। डाली से डाली झुकी, झुका झुका फूल-से-फूल। नर बन्दे तू क्यों
नहीं झुकता, झुक गए नबी रसूल। गिरा पसीना नूर का, हुआ चमेली फूल।
गुन्द-गुन्स लावने मालिनी पहिरे नबी रसूल।”
विधि- बहते पानी के समीप १०१ दाने की माला से प्रातः सायं २१ माला, ४१ दिन
तक जपे, ४१वें दिन सायं को हलवा प्रसाद में ले आए। मन्त्र के बाद कुछ हलवा
पानी में छोड़ दे और शेष बच्चों में बाँट दे।
जिस पर प्रयोग करना हो, तो मन्त्र को कागज पर केसर-स्याही से लिखे।
‘नर-बन्दे’ के स्थान पर उसका नाम लिखे। मन्त्र को पानी में घोल के साध्य
व्यक्ति को पिलावे, तो वशीकरण होगा।

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