विलासिनी यक्षिणी साधना on August 14, 2016 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps नदी तट पर बैठकर इस मंत्र का 51 हजार जाप किया जाये और इसके बाद घी और गुग्गल को मिलाकर इस मंत्र की दस हजार घी से हवन करेँ तो यक्षिणी प्रसन्न हो जाये। मंत्र-ॐ ह्रीँ दुरजाक्षिणी विलासिनी आगच्छ गच्छ ही प्रिये मेव कले स्वाहा॥ Comments
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