यह एक दिवसीय साधना है।शमशान मेँ करने पर जितने भी शमशानवासिनी है,वह वश मेँ होते है।रात्री कालिन साधना है।दिन, वार,शुभ,अशुभ और तिथि देखने का कोई जरुरत भी नही है,जिस दिन मन किया उसी दिन साधना करने पर सफलता हाथ लगता है।वीर बेताल(जिन्न), बीर बेताली(जिन्नानी),भूत ,प्रेत,भूतनी,डाकनी,हाकिनी,लकनी,शाकनी, मसान, भैरव भैरवी,परी,यक्षिणी और अप्सरा इन मेँ से कोई एक दर्शन देता है।इस साधना मेँ ए तय नही है की कौन प्रथम दर्शन देगा,जो भी दर्शन देगा वह हर मनोकामना पूर्ण करने मेँ समर्थ होगा।अगर प्रथम जो भी दर्शन दे और उस्से वारदान पाने के बाद,और किसी का भी दर्शन की चाहत जागे तो उसी रात वह भी पूर्ण होगा।इसमेँ एक रात मेँ पूरी जिंदिगी के जितने सपने है और इच्छा है वह एक रात मेँ सत्य होँगे और जितने बडे खुआइस है, वह भी मिनटो मेँ पूरे होँगे।साधना करेने के लिए हिम्मत और हौसला चाहिए।डर के आगे जित है।साधना करने के लिए प्रथम किसी मंदिर मेँ जाकर मंत्र को पाँच सो जाप करके सिद्ध कर ले।कुछ चंदन लकडी का चूर्ण चाहिए और कुछ तिल चाहिए।शमशान मेँ प्रथम कुछ आम के लकडी या फिर जो भी लकडी मिले जामा करके उस मेँ आग लगाए और सामने बैठ कर धूप जालाकर एक केले मेँ गाढ दे।तिल और चंदन लकडी को मिलाकर, आग मे अहुती देते जाए,कुछ ही मिनटो मेँ एक वीर बेताल, वीर बेताली या कोई हो प्रकट होगा और वरदान माँग ले। अगर और किसी का दर्शन की चाहत है तो आसन से उठे नही फिर से मंत्र जाप करते हुए अहुति देते जाए फिर और कोई प्रकट होगा,इस तरहा एक रात मेँ एक के बाद एक को प्रकट कर के हर इच्छा को सच कर साकते है। मंत्र-ॐ क्रौँ डोँ म्रोँ
Comments
Koi bhi prakat nahi hota
satvik mantra padthahu me pandit nahihu
Me paramatma ki bakthi karthahu
me bagath hu.ekbagath samaj ki suraksha ki bari me soch thahe 🙏