यह साधना शुक्रबार से शुरू करें जो केवल तीन दिन की है और रात्रि कालीन साधना है ! साधक अपने साधना स्थान को जल से धो लें फिर पीला आसन बिछा लें और पीली धोती पहन कर उत्तर दिशा की ओर मुह कर के बैठ जाय सामने ललिताम्बा यन्त्र स्थापित कर दें
सबसे पहले हाँथ मे जल ले कर संकल्प करे कि मै (अमुक ) गोत्र (अमुक ) नाम का साधक भगबती ललिताम्बा के दर्शन करना चाहता हूँ साथ ही साथ सम्बंधित सिद्धि को पाना चाहता हूँ !
इसके बाद गुरु पूजन करें और एक माला गुरु मंत्र कि करें अगरबत्ती और दीपक लगा कर हकीक माला को यन्त्र पर चड़ा कर निम्न मंत्र का २१ बार उच्चारण करें
!! ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हंसः ॐ नमो भगवति, अक्षोभ्ये रुक्ष कर्णे, राक्षसी, पक्ष त्राणे, क्षपे, पिंगलाक्षी, अरुणे, क्षये, लीले, लोले ललिते
सबसे पहले हाँथ मे जल ले कर संकल्प करे कि मै (अमुक ) गोत्र (अमुक ) नाम का साधक भगबती ललिताम्बा के दर्शन करना चाहता हूँ साथ ही साथ सम्बंधित सिद्धि को पाना चाहता हूँ !
इसके बाद गुरु पूजन करें और एक माला गुरु मंत्र कि करें अगरबत्ती और दीपक लगा कर हकीक माला को यन्त्र पर चड़ा कर निम्न मंत्र का २१ बार उच्चारण करें
!! ॐ ऐं ह्रीं श्रीं हंसः ॐ नमो भगवति, अक्षोभ्ये रुक्ष कर्णे, राक्षसी, पक्ष त्राणे, क्षपे, पिंगलाक्षी, अरुणे, क्षये, लीले, लोले ललिते
Comments