
यह रात्रि कालीन साधना है अतः १० बजे के बाद ही प्रारंभ करे ! यन्त्र एवं माला का कुमकुम अक्षत एवं पुष्प से पूजन करें और निम्न मंत्र का १५ दिन तक ५ माला जप करें!
!! ॐ ह्रीं पुष्पदेहा आगच्छ प्रत्यक्षं भव ॐ फट !!
मंत्र जप के बाद हो सके तो वहीँ पर विश्राम करें ! १५ दिन के बाद यन्त्र और माला को किसी पवित्र नदी या सरोवर या देवालय मे विसर्जित कर दें !
साधना काल मे गुरु मंत्र और गुरु पर पूर्ण विशवास रखें
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